Pages

Friday, October 27, 2017

रेनबो सी ज़िन्दगी

वो कहते हैं ना
गिने-चुने समझदार लोग
कि कुछ भी हो जाये ज़िन्दगी कभी नहीं रूकती

यही बात है इसकी निराली
है ये अपने मन की रानी
चलती रहती है ये बिना किसी रोक-टोक

कभी हँसाती, कभी रूलाती
और कभी चुपके से छेड़कर
दूर कहीं जाकर किसी कोने में छुप जाती

और वहाँ से चोरी-चोरी
फिर देखती तमाशा
हँसती खिलखिलाकर और वहीं से चिढ़ाती भी

झूमती, गाती, मुस्कुराती
मत पूछो कितना सताती
आते-जाते हर पल को ये एक नए रंग से सजाती

थोड़ी अकड़ू, थोड़ी ज़िद्दी
और थोड़ी-सी सिरफ़िरी
मेरी है ये, मुझ सी है ये..... "रेनबो सी ज़िन्दगी"

No comments:

Post a Comment