माना ये हमने, कि झूठ बोलने में
माहिर हैं आप
पर ऐसी महारत किस काम की
कभी राहगीरों से
कभी नातेदारों से
कभी जानकारों से
और कभी तो
अज़ीज़ दोस्तों से
झूठ बोलते-बोलते
थकते नहीं क्या आप?
नज़रें मिलाकर
अदब से
और मुस्करा कर
प्यार से
पूरे होशो-हवास में
झूठे वादे
जी हाँ,
आपने सही सुना/ पढ़ा
झूठे वादे ही तो
करते हैं आप
कर कैसे लेते हैं
आप ये सब ज़नाब
अरे हाँ!
याद आया
आप तो कारोबारी हैं
वो क्या कहते हैं, अंग्रेज़ी में?
बिज़नेसमैन !
वही हैं ना आप
शायद इसीलिए तो
दिन रात सिर्फ़
मुनाफ़े का हिसाब
लगाते-लगाते
बेवज़ह मुस्कुराना
तन्हाई में गनगुनाना
रूठों को मनाना
रिश्तों को निभाना
वादों को निभाना
सब भूल गए हैं आप
झूठ बोलकर, जो की हासिल
ऐसी दौलत और शोहरत
किस काम की
अपनों को खोकर, जो पाई आपने
ऐसी शानो-शौक़त
किस काम की
माना ये हमने, कि झूठ बोलने में
माहिर हैं आप
पर ऐसी महारत किस काम की!