Pages

Thursday, January 7, 2016

कभी-कभी

कभी-कभी ख़ामोश रहकर कुछ पल खुद से सवाल करना और फ़िर उसका जवाब ढूँढना सबसे वाजिब काम लगता है...!

***************

कुछ बातों के ना सिर होते हैं और ना पैर, पर ऐसी ही बातें कभी-कभी पूरी ज़िन्दगी का रुख बदल देती हैं। (18/01/16, 05:05 PM)

****************

उड़ते हुए तिनके की तरह... चली आती हैं तेरी यादें... यूँ ही... कभी-कभी!
(28/02/16, 01:49 AM)

****************

मुस्कुराकर.. करती हैं बातें... ख़ामोशियाँ.. कभी-कभी!
(28/02/16, 01:55 AM)

***************

No comments:

Post a Comment